Pages

Monday 9 September 2013

www.chorichakari.com




                   www.chorichakari.com

हमारे इस वेबसाइट पर आप किसी भी प्रकार की ,अनुव्यवस्थित, अनुउप्चैरिक साइबर, वैध वस्तु( विषय) को सही रुप से सजा कर अपने मन मे चलने वाले विचारो के उधल-पधल को शान्त कर सकते हैं|

आपके विचारो को सीधे हमारे ई-मेल आइडी पर मेल करे-  

chorichakari07@gmail.com

अगर आप हमारे इस वेबसाईट के सद्स्य बनना चाहते तो आप हमें कृपया

chorichakari07@gmail.com

 इस पते पर मेल किजिये


Wednesday 7 August 2013

दुध मांगोगे तो खीर देगें काश्मीर मांगोगे तो चीर देगें परिवार की और से उन वीर सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि।

अब वो बेटियाँ कभी नहीं कहेंगी की पापा कब आ रहे हो ।
.
अब वो माताएँ कभी नहीं देख सकेंगी अपने जिगर के टुकड़ो को ।
.
क्यों की अब वो कभी घर लौट के नहीं आएँगे ।
.
वो गन्दी राज़नीति की भेंट चढ़े हैं वो शहीद हुए हैं
.
ताकि जीता रहे हमारा हिन्दुस्तान।
.
.

दुध मांगोगे तो खीर देगें काश्मीर मांगोगे तो चीर देगें परिवार की और से उन वीर सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि।

1. नायक प्रेम नाथ सिंहः 21 बिहार रेजीमेंट
2. लांस नायक शंभू सरन रे 21 बिहार रेजीमेंट
3. सिपाही विनय कुमार रे 21 बिहार रेजीमेंट
4. सिपाही रघुनंदन प्रसाद 21 बिहार रेजीमेंट
5. नायक पुंदालिक मणे: महाराष्ट्र रेजीमेंट
.
भगवान् उनके परिवार को इस दुखभरी घड़ी से उभरने की हिम्मत दे ।

जय जवान । जय हिन्द

Wednesday 17 July 2013

अफसर -: आपका नाम क्या है..?

अफसर -: आपका नाम क्या है..?
मोहन -: एम.पी.,
अफसर -: ठीक से पूरा बताओ
मोहन -: मोहन पाल,
अफसर -: आपके पिता का नाम? मोहन : एम.पी.,
अफसर -: इसका क्या मतलब है?
मोहन -: मनमोहन पाल
अफसर -: आप कहां रहते हैं?
मोहन : एम.पी., सर।
अफसर -: अच्छा, मध्य प्रदेश?
मोहन -: नहीं सर, महाराजपुर
अफसर -: ओह, हो ! तुम्हारी क्वालिफ़िकेशन क्या है?
मोहन -: एम.पी., सर।
अफसर -: अब यह क्या है?
मोहन -: मैट्रिक पास, सर।
अफसर -: तुम्हे यह नौकरी क्यूं चाहिए?
मोहन -: एम.पी., सर।
अफसर -: (गुस्से से) अब इसका क्या मतलब है?
मोहन -: मनी परोब्लम, सर।
अफसर -: अपनी विशेषता बताओ।
मोहन -: एम.पी., सर।
अफसर -: अरे, साफ-साफ बताओ।
मोहन -: मल्टिपरपज परस्नैलिटी।
अफसर -: इंटरव्यू यहीं खत्म होता है, आप जा सकते हैं।
मोहन -: एम.पी., सर।...??
अफसर -: अब इसका क्या मतलब है...?
मोहन -: मेरा परफ़ारमेंस...?
अफसर -: (बाल नोचते हुए) एम.पी. !!!
मोहन -: यानि..?
अफसर -: MENTALLY PUNCTURE...

बहक जाने देँ मुझे मेरे वतन के प्रेम में,

बहक जाने देँ मुझे मेरे वतन के प्रेम में,
ये वो नशा है जो मेरे सर से कभी नहीं उतरता...!

╰☆╮|| वंदे मातरम || || जय हिंद || ╰☆╮
Duty is my life 
Gun is my wife 

Monday 15 July 2013

देश के वीर शहीदो को हमारा शत् शत् नमन...

एक सैनिक की चिट्टी आई आज उसके गाँव में,
जैसे धुप उजाला लेके पहुँच गई वो छांव में!
माँ ने दौड़ के ले ली चिट्टी,
जब की नहीं थी पढ़ीलिखी,
बोली कोई पढ़ के सुनाओ बेटा तो नहीं है दुखी,
बचपन में जब पड़ता था जरा से गिले बिस्तर में,
माँ गिले में सो जाती थी उस बच्चे के चक्कर में!
जाने कितनी ठंडक होगी उस बर्फीली घाटी में,
जाने कैसे सोता होगा लाल मेरा वो माटी में!
इतनी जल्दी चला गया वो दे न सकी कुछ भी उसको,
बस खडी देखती रही एकटक उसको,
तेरा कुशलता जान में लेती,
मन दिल को समझता है
जब तेरे हिस्से का खाना रोज़ रोज़ बच जाता है
सारा गाँव हाल युद्घ का जब हमको बतलाता है,
तेरी बढ़ाई सुन सुन के सीना चौडा हो जाता है
पढ़ने को जब चिट्टी खोली,
गम का कोई तूफान चला
ऐसी खबर लिखी थी उसमे
उसको पड़ता कौन भला,
सब के चहरे धुँआ धुँआ थे
जैसे दिल हो कोई जला!
तभी अचानक एक पडौसन ने उसको बतलाया,
चीख उठी वो ममता पागल हाल ने था उसको बहकाया,
कुछ नहीं समझ पाई वो बहीन बहुत छोटी थी
राखी उसने खुद ही बनाई और बक्से में छिपा दिया,
बोली जब पहना दूंगी कितने खुश होंगे भैया,
उसकी ये सारी बाते उसकी गुडिया से ही होती थी!
उसे देखा वो बूढी माँ फूट फूट के रोटी थी,
सोचती थी कैसे कह दूं तेरे सपने कभी नहीं सँवर पाएंगे
अब तुझसे राखी बंधवाने, तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे
तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे !
तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे !!!

देश के वीर शहीदो को हमारा शत् शत् नमन...
Respect your soilders
╰☆╮|| वंदे मातरम || || जय हिंद || ╰☆╮

Photo: एक सैनिक की चिट्टी आई आज उसके गाँव में,
जैसे धुप उजाला लेके पहुँच गई वो छांव में!
माँ ने दौड़ के ले ली चिट्टी,
जब की नहीं थी पढ़ीलिखी,
बोली कोई पढ़ के सुनाओ बेटा तो नहीं है दुखी,
बचपन में जब पड़ता था जरा से गिले बिस्तर में,
माँ गिले में सो जाती थी उस बच्चे के चक्कर में!
जाने कितनी ठंडक होगी उस बर्फीली घाटी में,
जाने कैसे सोता होगा लाल मेरा वो माटी में!
इतनी जल्दी चला गया वो दे न सकी कुछ भी उसको,
बस खडी देखती रही एकटक उसको,
तेरा कुशलता जान में लेती,
मन दिल को समझता है
जब तेरे हिस्से का खाना रोज़ रोज़ बच जाता है
सारा गाँव हाल युद्घ का जब हमको बतलाता है,
तेरी बढ़ाई सुन सुन के सीना चौडा हो जाता है
पढ़ने को जब चिट्टी खोली,
गम का कोई तूफान चला
ऐसी खबर लिखी थी उसमे
उसको पड़ता कौन भला,
सब के चहरे धुँआ धुँआ थे
जैसे दिल हो कोई जला!
तभी अचानक एक पडौसन ने उसको बतलाया,
चीख उठी वो ममता पागल हाल ने था उसको बहकाया,
कुछ नहीं समझ पाई वो बहीन बहुत छोटी थी
राखी उसने खुद ही बनाई और बक्से में छिपा दिया,
बोली जब पहना दूंगी कितने खुश होंगे भैया,
उसकी ये सारी बाते उसकी गुडिया से ही होती थी!
उसे देखा वो बूढी माँ फूट फूट के रोटी थी,
सोचती थी कैसे कह दूं तेरे सपने कभी नहीं सँवर पाएंगे
अब तुझसे राखी बंधवाने, तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे
तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे !
तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे !!!

देश के वीर शहीदो को हमारा शत् शत् नमन...
Respect your soilders
╰☆╮|| वंदे मातरम || || जय हिंद || ╰☆╮

Indian Army Live from Kashmir

सफ़र में मुश्किलें आयें, तो जुर्रत और बढती है..!
कोई जब रास्ता रोके , तो हिम्मत और बढती है..!!

Indian Army Live from Kashmir